इन 5 बिहारियों को मिला पद्म पुरस्कार-2021 :- भारत हर साल केंद्र सरकार कि तरफ से पद्म पुरस्कार का वितरण किया जाता हैं । ये पुरस्कार उन महारथियों को मिलता हैं जो अपने हुनर के फील्ड मे महारथ किये हैं । आज के इस लेख मे हम और आप ये जानेंगे कि किन 5 बिहारियों को मिला पद्म पुरस्कार-2021 ।
इसके साथ ही ये भी जानने कि कोशिश करेंगे कि पद्म अवॉर्ड क्या होता हैं ? और इससे संबधित सवालों के जवाब पर प्रकाश डालेंगे । तो बिना देर किये चलिए जानते हैं कि वो 5 बिहारियों के बारे मे जिनको मिलने वाला हैं पद्म पुरस्कार –
अवॉर्ड प्राप्त कर्ता का नाम अवॉर्ड के प्रकार कार्यक्षेत्र
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- स्व. रामविलास पासवान पद्म भूषण पुरस्कार राजनीतिक
- दिलीप कुमार सिंह पद्म भूषण पुरस्कार डॉक्टर व समाजसेवी
- दुलारी देवी पद्म श्री पुरस्कार मिथिला पेंटिंग
- मृदुला सिन्हा पद्म श्री पुरस्कार शिक्षा व साहित्य
- रामचन्द्र मांझी पद्म श्री पुरस्कार लोक कलाकार
Contents
इन 5 बिहारियों को मिला पद्म पुरस्कार-2021
स्व. रामविलास पासवान :- रामविलास पासवान का जन्म बिहार के खगरिया जिले मे हुआ था जहां गाँव का नाम शहरबन्नी था । वे एक अनुसूचित जाती के परिवार मे पैदा हुए थे । उन्होंने अपने दो दशक के राजनीतिक यात्रा मे कई रिकार्ड बनाए । पासवान जी अपने जीवन काल मे पूरे आठ बार विधानसभा के सदस्य बने थे।
कहा जाता हैं कि जब वे पहली बार विधानसभा के सदस्य बने थे उस वक्त लालू यादव और नीतीश कुमार अपनी पढ़ाई मे व्यस्त थे । इन्होंने अपने 32 साल कि राजनीतिक यात्रा मे पूरे 11 बार चुनाव लादेन थे जिसमे से उनको 09 चनावों मे विजय हासिल हुई । चिराग पासवान उनके ही बेटे हैं जो पहले फिल्मों मे गए थे बाद में वे भी अपनी राजनीतिक कि यात्रा आरंभ कर दी । 74 साल कि आयु मे रामविलास जी को इस दुनिया से विदा लेना पड़ा ।
बिहार के गॉड फादर
डॉ. दिलीप कुमार सिंह :-
साल 2021 के पद्म पुरस्कार के लिस्टों एक आओसे आदमी को जोड़ा गया जो बिहार के एकदम देहाती इलाके के रहने वाले हैं । इनका नाम हैं डॉ दिलीप कुमार सिंह । इनका जन्म बिहार के बांका जिले मे हुआ था इन्होंने अपनी प्राथमिक पढ़ाई भागलपुर ही पूरे किये हैं । उसके वे एमबीबीएस के स्टडी के लिए 1952 मे पटना के पी एम सी एच मे दाखिला लिए थे ।
बाद मे वे DTM एण्ड H के पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए और अपना काम करने लगे । लेकिन इनके जेहन मे बार बार अपनी भूमि कि याद आती रहती थी । परिणाम स्वरूप इन्होंने विदेशों के चकाचौंध कि दुनिया को छोड़ने का निर्णय लिया और अपने गाँव आकर समाज के सेवा मे जुट गए । जब स्थानीय लोगों को य पता चला कि डॉ. साहब को पद्म श्री का अवॉर्ड मिलने वाला हैं तब उन तमाम लोगों के दिलों मे खुशियां छा गई ।
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दुलारी देवी :-
कहते हैं जब कोई काम पूरे लगन से किया जाए तो उस काम मे दौलत और शोहरत ज़रूर मिलती हैं । दुलारी देवी के साथ भी ऐसा ही हुआ । दुलारी देवी एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं । उस समय मे उनकी शादी सिर्फ 12 साल की आयु में सम्पन्न हो गयी । लेकिन परिवार में पति से अन-बन के कारण उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा । वे अपने गांव में ही दूसरे जे घर झाड़ू पोंछा का काम करने लगी ।
इसी कार्य के दौरान उनकी मुलाकात कर्पूरी देवी से हुई जो उस समय के लोकप्रिय मधुबनी पेंटिंग की कलाकार थी । यहीं से दुलारी चाची की सफर आरंभ ही गयी।इन्होंने कई प्रकार की पेंटिंग बनाई। जो बहुत लोकप्रिय हुआ। माना जाता हैं कि वे अब तक कुल सात हजार पेंटिंग बनाई हैं जो विभिन्न विषयों पर आधारित हैं ।
2012-13 में इनको राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। और आज एक बार फिर इनको केंद्र सरकार की ओर से पद्मश्री का अवार्ड मिल रहा हैं ।
मृदुला सिन्हा :-
बिहार राज्य के मृदुला सिन्हा का जन्म 27 नवंबर1942 को मुज़फ़्फ़रपुर जिले में हुआ था । उन्होंने मनोविज्ञान में एमए और बी एड किया हैं । शुरुआत के दिनों में वे मुज़फ़्फ़रपुर में टीचर का काम करते थे । उन्हें आरम्भ से ही लेखन कार्य मे बहुत मन लगता था ।
इसके साथ ही वे एक बार मोतिहारी जिले के एक स्कूल में प्रिंसिपल का पदभार भी संभाली हैं । इनके पति बिहार के कैबिनेट मिनिस्टर थे , साथ ही केंद्र कैबिनेट में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं । और उसी वजह से मृदुला जी गोवा के राज्यपाल के पद के लिये चुने गए थे । वे एज राजनेता के साथ साथ एक कुशल लेखिका भी थी जिन्होंने आने जीवन काल मे कई साहित्य की रचना की।
इनके एक किताब एक थी रानी ऐसी भी के उपर फिल्म भी बनी थी जो लोगो को काफी पसंद आया। पिछले साल 78 साल की आयु में मृदुला सिन्हा का निधन हो गया। केंद्र सरकार उनके शिक्षा व साहित्य में अनूठे योगदान को देखते हुए उन्हें पद्म श्री अवार्ड देने की घोषणा की हैं ।
रामचन्द्र मांझी :-
1925 में बिहार के छपरा जिला में जन्म लेने वाले रामचन्द्र मांझी एक दलित परिवार से नाता रखते हैं । इन्होंने लोकरस के परंपरा को जन जन तक पहुचाने का संघर्स भरा काम किया हैं । साल 2917 में उन्हें संगीत नाटक एकेडमी से पुरस्कार भी मिला था । उन्होंने भिखारी ठाकुर से बहुत कुछ सीखा और उन्ही के तर्ज पर लोगो का मनोरंजन भी किया ।
आज जब उनको पदम् श्री अवार्ड जे सम्मानित किए जाने खबर उन तक पहुँची तो वे इस बात का यकीन नही कर रहे थे । लेकिन अब वे सरकार को धन्यवाद कहते हैं कि आखिरकार उन्होंने हमारी कला की लाज रख ली ।
बिहार के इन नागरिकों को पद्म श्री से सम्मानित किया जाना बिहार के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि हैं । आज पूरे बिहार वासियों को इस बात का गर्व हैं । अब हम कुछ उन बिंदुओं पर बात करेंगे जिन को जानना हमारे और आपको लिए जरूरी हैं ।
पद्म पुरस्कार क्या होता हैं ?
हमारे देश मे कई तरह के पुरस्कार समय समय और वितरित किये जाते हैं उसी के लिस्ट में पद्म पुरस्कार भी काफी लोकप्रिय हैं । ये पुरस्कार भारत मे सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक हैं ।
मीडिया के जानकारी के अनुसार, ये उपलब्धि विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि खेल, कला , समाज सेवा , लोक-कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उधोग आदि के क्षेत्र में दी जाती हैं । ये पुरस्कार गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषणा की जाती हैं तथा मार्च या अप्रैल महीने में राष्ट्रपति के द्वारा सम्मानित किया जाता हैं ।
पद्म पुरस्कार के श्रेणी :-
पद्म पुरस्कार मुख्यतः तीन श्रेणियों मे प्रदान कि जाती हैं –
1. पद्म विभूषण :- असाधारण और विशिष्ठ सेवा के लिए इस पुरस्कार का वितरण किया जाता हैं ।
2. पद्म भूषण :- उत्तम कोटी के विशिष्ठ सेवाये हेतु ये पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं ।
3. पद्म श्री :- किसी भी क्षेत्र मे विशेष उपलब्धि हासिल करने वालों को इस तरह के अवॉर्ड से नवाजा जाता हैं ।
निष्कर्ष :- आज का ये टॉपिक बहुत ही सरल और उपयोगी हैं आज के इस आर्टिकल मे मैंने इन 5 बिहारियों को मिला पद्म पुरस्कार-2021 के बारे में विस्तार से चर्चा किया ।
अलावा ये भी जाना कि पद्म पुरस्कार के कितने श्रेणी होते हैं और वे किन स्थिति मे लाभार्थी को दिया जाता हैं । आज के इस विषय मे इतना ही, आप हमें अपनी राय कॉमेंट बॉक्स मे लिख कर भेज सकते हैं ।
!! जय हिन्द !!